Navratri 2022: नवरात्रि पूजा, महत्त्व, तिथ‍ि, कहां, कैसे मनाया जाता है

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पहली तिथि से शारदीय नवरात्रि Navratri in Hindi की शुरुआत होती है, जिसमें पूरे 9 दिनों Nine Days Festival तक मां दुर्गा Durga Puja के दिव्य रूपों की उपासना की जाती है। नौ दिन तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा, हवन, यज्ञ, जगराते, गरबे का आयोजन किया जाता है. नवरात्रि में हर तरफ लोग शक्ति की भक्ति लीन रहते हैं, इस बार नवरात्रि जो सोमवार, 26 सितंबर से शुरू होकर बुधवार, 5 अक्टूबर को समाप्त हो जाएंगे Navrtari

 शरद ऋतु में पड़ने वाली नवरात्रि को मुख्य नवरात्र माना जाता है। इस दौरान देशभर में धूम रहती है, खासतौर पर बंगाल Bengal और गुजरात Gujrat जैसे राज्यों में इस त्योहार की सबसे अधिक रौनक देखने को मिलती है। जहां बंगला में दुर्गा पूजा के लिए खूबसूरत और आकर्षक पंडाल लगाए जाते हैं। वहीं गुजरात में जगह-जगह पर गरबा Garba का आयोजन किया जाता है।

1. Navratri 2022 पूजा विधि

Puja vidhi and procedure of Navratri
Puja vidhi and procedure of Navratri

नवरात्रि के दिन सुबह उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ कपड़े पहन लें। फिर पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव करें। कलश स्थापना करके मां दुर्गा की पूजा शुरू करें और व्रत रखने का संकल्प लें। इसके बाद देवी दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा करें। माता शैलपुत्री को लाल फूल, सिंदुर, अक्षत और धूप आदि चढ़ाएं। इसके बाद शैलपुत्री देवी के मंत्रों का उच्चारण करें।

फिर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और अंतर में घी के दीपक से आरती करें। मां शैलपुत्री को सफेद रंग काफी प्रिय है, आप चाहें तो उन्हें सफेद रंग की बर्फी का भी भोग लगा सकते हैं।

Read More- LATEST NAVRATRI COLLECTION FOR DANDIYA AND GARBA

2. Navratri 2022 Puja Samagri 

  1. एक कलश (तांबा/कांस्य/पीतल/चांदी)। स्टील या प्लास्टिक का प्रयोग न करें।
  2. साबुत भूरा नारियल
  3. कुछ आम के पत्ते या पान के पत्ते
  4. हल्दी
  5. कुमकुम
  6. चंदन
  7. अक्षत
  8. पानी
  9. मुद्रा के सिक्के
  10. लाल कपड़े का एक टुकड़ा
  11. पुष्प
  12. कलश से बड़ी मिट्टी की थाली 
  13. प्राकृतिक मिट्टी
  14. नव धन्या (नौ अलग-अलग अनाज के बीज)

3. क्यों मनाया जाता है नवरात्रि का त्योहार Navrtari Festival:

हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्योहार Navratri Festival से जुड़ी दो प्रमुख कथाएं प्रचलित हैं। पहली कथा के अनुसार महिषासुर नामक राक्षस ने भगवान ब्रह्मा से वरदान मांगा था कि देव, दानव या फिर धरती पर रहने वाला कोई भी मनुष्य उसका वध ना कर सके। ब्रह्मा जी का आशीर्वाद पाने के बाद राक्षस ने तीनों लोगों में उत्पात मचाना शुरू कर दिया। जिसके बाद महिषासुर के आतंक से त्रस्त आकर देवताओं ने देवी दुर्गा का आवाहन किया। 9 दिनों तक मां दुर्गा और महिषासुर के बीच भीषण युद्ध चला था। दसवें दिन मां दुर्गा ने भयानक राक्षस महिषासुर का वध कर दिया।

दूसरी कथा के अनुसार भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई करने से पहले मां दुर्गा की आराधना Celebration of Navratri की थी। भगवान राम की भक्ति से प्रसन्न होकर देवी दुर्गा ने उन्हें जीत का आशीर्वाद दिया, जिसके बाद राम जी ने दसवें दिन रावण को हराकर लंका पर विजय प्राप्त की थी। इसलिए नवरात्रि की दसवें दिन ‘विजयदशमी’ यानी दशहरा का त्योहार मनाया जाता है।

4. नवरात्रि का त्यौहार कहाँ मनाया जाता है

दुर्गा पूजा बंगालियों और भारत के पूर्वी हिस्से में रहने वाले लोगों के लिए सबसे बड़ा त्योहार है, जबकि नवरात्रि भारत के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में मनाई जाती है। जैसे ही भारत में त्योहारों का मौसम शुरू होता है, सभी आयु वर्ग के लोग नवरात्रि और दुर्गा पूजा Durga Puja समारोह का आनंद लेने के लिए तैयार हैं।

5. FAQ

1. दुर्गा पूजा 2022 तिथि और शारदीय नवरात्रि 2022 तारीख?

दुर्गा पूजा और नवरात्रि 2022 शुरू होगी! सोमवार, 26 सितंबर और समाप्त होता है बुधवार, 5 अक्टूबर

2. मां दुर्गा की सिद्धि कैसे करें?

 नवार्ण मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’ का जाप अधिक से अधिक अवश्‍य करें।

3. मां शक्ति का मंत्र क्या है?

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते।।

Share on Facebook
Share on Twitter
Share on Pinterest
Share on WhatsApp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

fifteen + four =

Post comment